आज के समय में नई-नई प्रकार की बीमारियां सामने आ रही हैं कुछ बीमारियां जानलेवा होती है कुछ नहीं, कुछ हमारे जीवन शैली को पूर्ण रूप से बदल देती हैं जबकि कुछ हमारी जान ही ले लेती हैं। आज इस आर्टिकल में हम एक ऐसी बीमारी के बारे में चर्चा करेंगे जिसकी वजह से व्यक्ति को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है जैसे बौनापन या भद्दा दिखना। इस बीमारी का नाम है Aarskog–Scott syndrome
हम इस आर्टिकल में Aarskog–Scott syndrome के बारे में जानकारी देंगे जैसे कि Aarskog–Scott syndrome क्या है, Aarskog–Scott syndrome क्यों होता है इत्यादि (Aarskog–Scott syndrome in Hindi)
Table of Contents
Aarskog–Scott syndrome क्या है – What is Aarskog–Scott syndrome in Hindi

Aarskog–Scott syndrome बीमारी एक विशेष प्रकार की बीमारी है तथा यह बहुत ही दुर्लभ है इसमें व्यक्ति को शारीरिक रूप से अक्षमताएं होती हैं जैसे आंखों के बीच में दूरी बढ़ जाना, मुंह और नाक के बीच की दूरी अधिक होना, कान छोटे या बड़े होना और ऐसे सभी लक्षण होते हैं यह मुख्य रूप से शरीर में X क्रोमोजोम्स की गड़बड़ी की वजह से होती है।
इस बीमारी के मुख्य कारण यही है कि जब किसी व्यक्ति के शरीर में एक्स क्रोमोजोम्स में गड़बड़ी होती है तब यह बीमारी सबसे ज्यादा उत्पन्न होने की संभावना होती है यह बीमारी ज्यादातर सिर्फ पुरुषों में पाई जाती है पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में यह बीमारी काफी कम होती है इस बीमारी का सबसे प्रमुख लक्षण है कि बौनापन होना और लंबाई कम होना।
Aarskog–Scott syndrome के लक्षण – Symptoms of Aarskog–Scott syndrome in Hindi
Aarskog–Scott syndrome बीमारी एक दुर्लभ बीमारी है जो हमारे शरीर में क्रोमोजोम्स की गड़बड़ी के कारण होती है हमारे शरीर में दो प्रकार के क्रोमोजोम्स होते हैं एक्स और वाई यह बीमारी विशेष रुप से X क्रोमोजोम्स की वजह से होती है।
इस बीमारी के दौरान व्यक्ति को शारीरिक रूप से असमानताएं होती हैं जैसे बौनापन होना
- दोनों आंखों के बीच में अधिक दूरी होना।
- कान छोटे या बड़े होना
- उंगलियों का छोटा होना
- हाथों का और पैरों का अधिक बड़ा या छोटा होना
- आंखों के बीच में अधिक दूरी होना।
- कानों का सामान्य स्थान पर ना होकर आगे पीछे होना।
- होठों का नीचे की तरफ झुका होना।
Aarskog–Scott syndrome की जांच – Diagonosis of Aarskog–Scott syndrome in Hindi
आइए अब हम इस बीमारी की जांच के बारे में पता करते हैं कि अगर किसी व्यक्ति को ऐसे लक्षण महसूस हो रहे हैं तो वह इस बीमारी के बारे में किस प्रकार सुनिश्चित कर सकता है।
- ब्लड टेस्ट
ब्लड टेस्ट से हम यह पता कर सकते हैं कि क्या व्यक्ति के ब्लड में कोई कमी है। किसी विशेष प्रकार के तत्व की कोई कमी होना या अधिक होना या फिर किसी प्रकार की कोई संक्रमण आदि कि जांच की जाती है। तथा शरीर में आयरन की कमी के बारे में भी जाना जाता है तथा इसके साथ-साथ रक्त में लाल रक्त कोशिकाओं की मात्रा तथा उनके आकार की जांच भी की जाती है
- एक्स-रे
- सिटी स्कैन
एक्स-रे और सीटी स्कैन द्वारा किसी भी प्रकार के कंकाल तंत्र संबंधी विकार के बारे में पता लगाया जाता है।
- जेनेटिक टेस्टिंग
जेनेटिक टेस्टिंग द्वारा जींस में हो रही गड़बड़ी के बारे में पता लगाया जाता है तथा क्रोमोजोम्स की गड़बड़ी के बारे में भी पता लगाया जाता है।
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Aarskog–Scott syndrome का इलाज – Treatment of Aarskog–Scott syndrome in Hindi
Aarskog–Scott syndrome बीमारी का अभी तक कोई भी इलाज नहीं है मतलब कि अगर किसी व्यक्ति को यह बीमारी हो जाती है तो उस व्यक्ति को पूर्ण रूप से ठीक करना संभव नहीं है मतलब किसी भी तरीके द्वारा हम उस व्यक्ति को पूर्ण रूप से ठीक नहीं कर सकते परंतु दवाइयों और सर्जरी द्वारा हम इस बीमारी में होने वाले लक्षणों को कम कर सकते हैं
जैसे इस बीमारी के कारण अगर किसी व्यक्ति का चेहरा खराब है या चेहरे में कोई गड़बड़ी है तो प्लास्टिक सर्जरी द्वारा उस व्यक्ति के चेहरे को ठीक किया जा सकता है। और ऐसा काफी मामलों में किया जाता है ताकि व्यक्ति का चेहरा ठीक हो सके
दवाइयों और सर्जरी द्वारा हम शरीर के विभिन्न अंगों को ठीक कर सकते हैं अगर किसी प्रकार के अन्य लक्षण होते हैं तो उनको दवाइयों द्वारा ठीक किया जा सकता है।
Aarskog–Scott syndrome के कारण क्या है – Causes of Aarskog–Scott syndrome in Hindi
Aarskog–Scott syndrome बीमारी एक दुर्लभ बीमारी है जो हमारे शरीर में क्रोमोजोम्स की गड़बड़ी के कारण होती है हमारे शरीर में दो प्रकार के क्रोमोजोम्स होते हैं X और Y। जब किसी व्यक्ति के शरीर में एक्स क्रोमोजोम्स में गड़बड़ी होती है तब यह बीमारी सबसे ज्यादा उत्पन्न होने की संभावना होती है यह बीमारी ज्यादातर सिर्फ पुरुषों में पाई जाती है पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में यह बीमारी काफी कम होती है इस बीमारी का सबसे प्रमुख लक्षण है कि बौनापन होना और लंबाई कम होना।
Aarskog–Scott syndrome के अन्य नाम – Other Names for Aarskog–Scott syndrome in Hindi
Aarskog–Scott syndrome एक बेहद ही दुर्लभ और लाइलाज बीमारी है इस बीमारी की वजह से शारीरिक विकार उत्पन्न होते हैं इस बीमारी को अलग-अलग नामों से भी जाना जाता है जिनकी सूची नीचे दी गई है
- फेसियोडिजिटोजेनिटल सिंड्रोम (FGDY)
- फेसियोजेनिटल डिसप्लेसिया
- आर्सकोग रोग
- स्कॉट आर्सकॉग सिंड्रोम
निष्कर्ष
इस आर्टिकल में हमने Aarskog–Scott syndrome के बारे में जानकारी दिया है जैसे कि Aarskog–Scott syndrome क्या है, Aarskog–Scott syndrome क्यों होता है इत्यादि (Aarskog–Scott syndrome in Hindi)
मैं आशा करता हूं कि आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया होगा अगर आपको हमारे आर्टिकल पसंद आता है या आप क्या कोई सवाल या जवाब है तो आप हमें नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट कर सकते हैं धन्यवाद।

Dr Shubam malhotra एक general physician है। Dr Shubam malhotra नई दिल्ली में रहते हैं। कई अस्पतालों में काम कर चुके Dr Shubam malhotra का अनुभव 13 साल से भी ज्यादा है
Qualification:- MBBS