आपने कई अलग-अलग बीमारियों के बारे में सुना होगा परंतु आज हम एक बहुत ही अजीबोगरीब बीमारी के बारे में चर्चा करने जा रहे हैं इस बीमारी का नाम है ओचोआ सिंड्रोम। इस बीमारी में व्यक्ति को अपने हाव-भाव पर नियंत्रण नहीं रहता है अगर व्यक्ति हंसना चाहता है तो उसके चेहरे के भाव रोने जैसे हो जाते हैं और इस बीमारी में व्यक्ति को मूत्र से संबंधित समस्याएं भी आती हैं।
हम इस आर्टिकल में ओचोआ सिंड्रोम के बारे में जानकारी देंगे जैसे कि ओचोआ सिंड्रोम क्या है, ओचोआ सिंड्रोम क्यों होता है इत्यादि (Ochoa syndrome in Hindi)
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ओचोआ सिंड्रोम क्या है – What is Ochoa syndrome in Hindi
ओचोआ सिंड्रोम एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति को अपने चेहरे के भाव पर नियंत्रण नहीं रहता है और व्यक्ति को मूत्र से संबंधित समस्याएं भी आती हैं इस बीमारी में व्यक्ति के चेहरे के भाव जैसे हंसना रोना मुस्कुराना आदि सभी अनियंत्रित होते हैं और व्यक्ति पर इसका कोई कंट्रोल नहीं होता है।
जैसा कि आप इस छोटे से चित्र में देख पा रहे होंगे कि जब कोई व्यक्ति हंसता है तो होठों का आकार यू (U) आकार का हो जाता है और व्यक्ति के चेहरे पर एक मुस्कान आती है, चेहरे पर खुशी झलकती है।
परंतु जब कोई व्यक्ति दुखी होता है तब उस व्यक्ति के चेहरे पर दुख झलकता है और होंठ उल्टे यू के आकार के हो जाते हैं।
इस बीमारी में जब कोई व्यक्ति मुस्कुराना चाहता है तब उसके चेहरे के भाव दुखी होने के भाव व्यक्त करते हैं अगर व्यक्ति खुश है और उसे हम देखें तो हमें लगेगा कि वह व्यक्ति दुखी है।
इस बीमारी को ओचोआ सिंड्रोम या यूरोफेशियल सिंड्रोम (UFS) के नाम से भी जाना जाता है।
ओचोआ सिंड्रोम में व्यक्ति को मूत्र से संबंधित समस्याएं भी आती हैं जैसे बच्चे बेड पर ही पेशाब कर देते हैं और यह बीमारी ज्यादातर बच्चों में ही पाई जाती है इस बीमारी में व्यक्ति को मूत्र से जुड़ी समस्याएं होती हैं जिसमें व्यक्ति का मूत्राशय खाली ना होना जैसी समस्याएं भी होती हैं।
इस बीमारी में व्यक्ति की किडनी पर भी खतरा रहता है क्योंकि जब व्यक्ति को मूत्र से संबंधित समस्याएं आती हैं तब व्यक्ति का शरीर उसकी किडनी पर ज्यादा दबाव डालता है।
इसके कुछ अन्य लक्षण भी हैं जैसे कब्ज होना, बार बार लैट्रिन जाना, पेशियों में ऐठन महसूस करना।
यह बीमारी एक जन्मजात बीमारी है और यह किसी को भी हो सकती है हालांकि यह काफी दुर्लभ बीमारी है।
ओचोआ सिंड्रोम किसे होता है – Who gets Ochoa Syndrome in Hindi
ओचोआ सिंड्रोम पूरी दुनिया में किसी भी व्यक्ति को हो सकता है हालांकि यह बहुत ज्यादा दुर्लभ बीमारी है इस बीमारी के बहुत कम मामले दर्ज किए गए हैं।
आमतौर पर यह बीमारी छोटे बच्चे और वयस्क बच्चों में पाई जाती है। यह बीमारी जन्मजात बीमारी है यह नर और मादा दोनों को प्रभावित कर सकती है यह दुनिया भर की सभी नस्ल जाति समुदाय के लोगों को प्रभावित कर सकती है।
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ओचोआ सिंड्रोम के लक्षण क्या हैं – What are the Signs and Symptoms of Ochoa Syndrome in Hindi
ओचोआ सिंड्रोम से ग्रस्त व्यक्ति को बड़े ही अजीब अजीब तरह के लक्षण होते हैं जैसे
- व्यक्ति के चेहरे पर असामान्य सा भाव रहना
- चेहरे का आकार असामान्य हो सकता है
- व्यक्ति को मूत्र त्याग करने में समस्या आना
- व्यक्ति का मूत्राशय खाली ना होना
- मल त्याग में समस्या आना
यह सभी लक्षण ओचोआ सिंड्रोम में होने वाले मुख्य लक्षण हैं इसके अलावा भी व्यक्ति को अलग-अलग प्रकार के लक्षण हो सकते हैं जैसे
- कब्ज होना
- पेट में ऐठन होना
- मूत्र मार्ग में रुकावट होना
- मूत्र को रोक ना पाना
- उच्च रक्तचाप
- शरीर में पीलापन होना
- गुर्दों में खराबी होना
ओचोआ सिंड्रोम के कारण क्या है – What are the Causes of Ochoa Syndrome in Hindi
ओचोआ सिंड्रोम के होने का मुख्य कारण है HPSE2 नाम का प्रोटीन यह हमारे शरीर में होता है और इसका काम होता है हमारे चेहरे के भाव पर नियंत्रण रखना और मल त्याग और मूत्र त्याग की चिकनी मांसपेशियों पर नियंत्रण रखना।
जब HPSE2 प्रोटीन अपना काम ढंग से नहीं करता है तब व्यक्ति को यह बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है परंतु ऐसा बिल्कुल नहीं है कि जिस व्यक्ति में इस प्रोटीन की गड़बड़ी नहीं है उसे यह बीमारी नहीं होगी।
कुछ लोगों में यह बीमारी होने का कारण इस प्रोटीन का असंतुलन नहीं है परंतु अभी उन लोगों में यह बीमारी होने का कारण अज्ञात है अभी इस बीमारी पर रिसर्च चल रही है और भविष्य में हम इस बीमारी के बारे में उसके कारणों के बारे में और अधिक जानेंगे।
ओचोआ सिंड्रोम के इलाज क्या है – How is Ochoa Syndrome Treated in Hindi
- ओचोआ सिंड्रोम के इलाज के लिए अलग-अलग चीजों के विशेषज्ञ डॉक्टरों की जरूरत पड़ती है जैसे सर्जन, कार्डियोलॉजिस्ट, डाइटिशियन, यूरोलॉजिस्ट और नेफ्रोलॉजिस्ट आदि।
- अगर HPSE2 प्रोटीन की गड़बड़ी का पता पहले ही लगा दिया जाए तो इसके इलाज में काफी मदद मिलती है।
- ओचोआ सिंड्रोम के इलाज में कई प्रकार की बायोटिक और एंटीबायोटिक दवाइयों का प्रयोग किया जाता है और बैक्टीरियल इंफेक्शन और दर्द के लिए भी एंटीबायोटिक दवाइयों का उपयोग किया जाता है।
- इसके इलाज में कई अलग-अलग प्रकार की थेरेपी का प्रयोग भी किया जाता है और यहां तक की इसके इलाज में कई बार ऑपरेशन तक करना पड़ता है।
ओचोआ सिंड्रोम से बचाव क्या है – How can Ochoa Syndrome be Prevented in Hindi
इस सिंड्रोम के बचाव के लिए हमें कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए जैसे कि
अगर किसी परिवार में किसी व्यक्ति को पहले से इस प्रकार की कोई बीमारी है तो परिवार के सभी व्यक्तियों को समय-समय पर इस बीमारी की जांच कराते रहना चाहिए।
अगर व्यक्ति को ओचोआ सिंड्रोम में होने वाले लक्षण हो रहे हैं तो उसे इस बात को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। इसका इलाज संभव है इसलिए घबराने की कोई बात नहीं है।
निष्कर्ष
इस आर्टिकल में हमने ओचोआ सिंड्रोम के बारे में जानकारी दिया है जैसे कि ओचोआ सिंड्रोम क्या है, ओचोआ सिंड्रोम क्यों होता है इत्यादि (Ochoa Syndrome in Hindi)
मैं आशा करता हूं कि आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया होगा अगर आपको हमारे आर्टिकल पसंद आता है या आप क्या कोई सवाल या जवाब है तो आप हमें नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट कर सकते हैं धन्यवाद।

Dr Shubam malhotra एक general physician है। Dr Shubam malhotra नई दिल्ली में रहते हैं। कई अस्पतालों में काम कर चुके Dr Shubam malhotra का अनुभव 13 साल से भी ज्यादा है
Qualification:- MBBS